![खंडवा से इंदौर का मार्ग 90 किलोमीटर बढ़ गया है, इस बड़े परिवर्तन से आप भी हैरान हो जाएंगे](https://i0.wp.com/4starnews.in/wp-content/uploads/2023/12/2024-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%8C%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-2.png?resize=940%2C788&ssl=1)
मोरटक्का ब्रिज की पूरी बंदिश के बाद, खंडवा और बुरहानपुर के लोगों के लिए इंदौर पहुंचना एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसका असर हो रहा है कि वाहनों को इस अवरुद्ध की वजह से 90 किलोमीटर से अधिक की दूरी का यात्रा करना पड़ रहा है।
खंडवा से इंदौर की दूरी में बढ़ोतरी: एक अद्भुत परिवर्तन
हाल ही में हुए सरकारी निर्णय के अनुसार, खंडवा से इंदौर का मार्ग 90 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है। यह सुनकर लोग हैरान हैं क्योंकि इसका सीधा असर उनकी यात्रा और खर्चों पर होगा।
नया मार्ग: एक सुगम विकल्प
इस नए सुधार के बारे में जानकर, लोगों को एक सुगम और तेज यात्रा का आनंद लेने का एक नया विकल्प मिलेगा। खंडवा से इंदौर जाने वाले यात्री अब इस नए रूट का लाभ उठा सकते हैं जो उन्हें समय और ऊर्जा की बचत करने में मदद करेगा।
यात्रा के लाभ: समय और ऊर्जा की बचत
इस नए मार्ग के साथ, यात्री अब इंदौर पहुंचने के लिए कम समय और कम दूरी का आनंद ले सकते हैं, जिससे उन्हें सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव होगा। इसके अलावा, इससे उनकी यात्रा का खर्च भी कम होगा, जिससे उन्हें अधिक बचत का फायदा होगा।
सरकारी निर्णय: सुविधा और विकास का हिस्सा
यह निर्णय सरकार के विकास योजनाओं का हिस्सा है जिसका उद्देश्य लोगों को सुधारित और बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। यह स्थानीय विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ, लोगों को यात्रा के दौरान अधिक सुविधाएं प्रदान करने का एक प्रयास है।
नई संभावनाएं: आत्मनिर्भर और समृद्धि की दिशा में
इस नए मार्ग के खुलने से, स्थानीय व्यापारों और पर्यावरण को भी नई संभावनाएं मिलेंगी। यह यात्रा के लिए एक सही और विकसीत विकल्प है जो नागरिकों को आत्मनिर्भरता और समृद्धि की दिशा में बढ़ने में मदद करेगा।
इस प्रकार, यह नया रूट न केवल यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा बल्कि इस समय और ऊर्जा की बचत के साथ-साथ स्थानीय विकास के माध्यम से समृद्धि की दिशा में एक कदम होगा।
नर्मदा नदी के उफान से उत्पन्न बाढ़ ने खंडवा-बुरहानपुर क्षेत्र में होने वाली तबाही का कारण बना
सितंबर 2023 में, इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर बांध के गेटों को एक साथ खोल दिया गया, जिससे नर्मदा नदी उफान पर आ गई। इसके परिणामस्वरूप, ओंकारेश्वर समेत डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में भारी बाढ़ और तबाही हुई। बाढ़ के कारण, ओंकारेश्वर मंदिर आधा डूब गया और कई इलाकों में पानी ने सीढ़ियों तक पहुंच लिया। इसी समय, मोरटक्का ब्रिज भी पूरी तरह डूब गया।
![नर्मदा नदी के उफान से उत्पन्न बाढ़ ने खंडवा-बुरहानपुर क्षेत्र में होने वाली तबाही का कारण बना](https://i0.wp.com/4starnews.in/wp-content/uploads/2023/12/2024-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%8C%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-1.png?resize=940%2C788&ssl=1)
बाढ़, बारिश, और तबाही के चलते खंडवा और बुरहानपुर को इंदौर से जोड़ने वाला इंदौर इच्छापुर हाईवे पर मोरटक्का पुल को आवागमन के लिए बंद कर दिया गया। जब यह उफान समाप्त हुआ, तो पुल की सड़क भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। यह घटना ने स्थानीय यात्रा और संचार के लिए बड़ी चुनौती पैदा की है और इसने स्थानीय लोगों को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है।