आयोध्या में राम लला के नए मंदिर के लिए बनाई गई सोने और चांदी की पादुका का आद्भूत स्वागत (श्रीराम मंदिर)

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आयोध्या: सोने और चांदी से बनी इस सुंदर पादुका की रचना की हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने की है। इन पादुकाओं का विशेष रंग, सुनहरा और सफेद, ने गत रविवार को रामेश्वर धाम से अहमदाबाद तक एक अनूठी यात्रा की है। इन पादुकाओं को अब सोमनाथ, द्वारका और फिर बद्रीनाथ ले जाने का योजना बनाई गई है। पादुका बनाने में 1 किलो सोना और 7 किलो चांदी का उपयोग हुआ है।

आयोध्या (श्रीराम मंदिर): आयोध्या में भगवान राम लला के नए मंदिर में प्रवेश के लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं। 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में राम लला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा होगी। पहले ही मंदिर में वैदिक रीति से पूजा-पाठ और अनुष्ठान शुरू हो जाएगा। मंदिर में भगवान राम से जुड़े चिन्हों को खास जगह दी जा रही है, जिसमें इन पादुकाओं का भी समाहित है। इन पादुकाओं को 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचाया जाएगा।

सोने और चांदी से निर्मित इन पादुकाओं की यात्रा देशभर में कराई जा रही है। इन पादुकाओं को बनाने वाले हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने इन्हें गत रविवार को रामेश्वर धाम से अहमदाबाद पहुंचाया। इसके बाद इन्हें सोमनाथ, द्वारका और बद्रीनाथ ले जाने की योजना बनाई गई है।

हैदराबाद में बालाजी मंदिर के ट्रस्टी सुब्बारायुडू ने इसे अपने सिर पर रखकर मंदिर के अंदर ले गए। इन पादुकाओं की विशेष पूजा की गई और कई भक्तों ने इन्हें छूकर आशीर्वाद लिया। श्रीचल्ला शास्त्री ने हाथ में लेकर इसके साथ ही विधि पूर्वक 41 दिनों की परिक्रमा भी की है। इन पादुकाओं में कीमती रत्नों का अद्वितीय संगम है, जो इन्हें और भी आकर्षक बनाता है।

आयोध्या में बन रही राम लला की नई प्रतिमा

आयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम लला की नई प्रतिमा तेजी से बन रही है। इस प्रतिमा का निर्माण उसी के द्वारा किया जा रहा है जिन्होंने पहले 50-100 मूर्तियां बनाई हैं। इस प्रक्रिया में चंपत राय ने यह भी कहा कि प्रतिमा को बनाने वाला कौन है, यह जल्दी ही घोषित किया जाएगा।

50 पुजारियों का चयन हुआ

राम मंदिर के पुजारियों का चयन भी हो चुका है। पुजारी के लिए 3000 आवेदन आए थे, जिनमें से 200 आवेदक साक्षात्कार के लिए चयन हुए हैं। इन 200 आवेदकों में से 50 को पुजारी के रूप में चुना गया है। ये पुजारी उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से आए हैं और वे रामानंदीय परंपरा से संबंधित हैं। 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसके लिए आयोध्या में तैयारी जोरों शोरों से चल रही है। राम मंदिर की मुख्य पादुका अब अहमदाबाद में है और उसे श्रीराम मंदिर में प्रस्थापित किया जाएगा।

जनकपुर से आये 500 भक्तों का उत्साह: ‘गृह प्रवेश’ के मौके पर अयोध्या की ओर रवाना, माता सीता के मायके से लिए खास गिफ्ट

राम लला के ‘गृह प्रवेश’ के आने के साथ ही जनकपुर धाम में खुशियाँ की गूंथ हो रही हैं। इस मौके पर 500 भक्त ने माता सीता के मायके से एक खास गिफ्ट लेकर अयोध्या की ओर रुश़्त किया है। नए साल की शुरुआत के पहले दिन, यात्री 3 जनवरी को जनकपुर से निकलेंगे और जंगली मार्ग से हाईवे पर आगे बढ़ेंगे। 4 जनवरी को, वे नेपाल के चंद्रपुर पहुंचेंगे, जहां से रक्सौल की ओर मुख करेंगे। उन्होंने बेतिया में रात बिताने का निश्चित किया है, और फिर 5 जनवरी को कुशीनगर और गोरखपुर के रास्ते शाम को अयोध्या पहुंचेंगे। इस शुभ यात्रा के अंत में, 6 जनवरी को रामजन्मभूमि ट्रस्ट को घरवासी की सामग्री सौंपी जाएगी। जनकपुर के राम जानकी मंदिर के महंत रौशन दस ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया को लेकर नेपाल में सरकारी अधिकारी और पर्यटन विभाग के साथ कुल पांच बैठके की जा चुकी है, और इसी प्रकिया के तहत रामजन्मभूमि ट्रस्ट से बात हो चुकी है।

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